18 फ़रवरी 2010

भाषा विज्ञान के अध्ययन का महत्व

रणजीत भारती

भाषा मनुष्य के चिंतन एवं संप्रेषण का सबसे प्रमुख साधन है, जिसका वैज्ञानिक अध्ययन भाषा विज्ञान कहलाता है। स्वाभाविक रूप से होने वाली इस प्रक्रिया का हस्तक्षेप मानव जीवन के प्रत्येक क्रियाकलाप में है। निश्चित ही इसका वैज्ञानिक अध्ययन प्रस्तुत करने वाला विषय भाषा विज्ञान एक सामान्य व्यक्ति के जीवन में क्या महत्व रखता है, इसी के उत्तर में भाषाविज्ञान के अध्ययन का महत्व भी अंतर्निहित है। सामान्य रूप से अपने सैद्धांतिक पक्ष में यह ध्वनि से लेकर अर्थ तक के इकाइयों के सिद्धांतों को निरूपित कर, अन्य विज्ञान का निर्माण करता है, वहीं इन विज्ञानों में प्रतिपादित सिद्धांतों का अनुप्रयोग अन्य भाषिक विधाओं में होने पर भाषाविज्ञान मनुष्य के जीवन के प्रत्येक पहलू को छूता है। चाहे वह शिक्षण हो या चिकित्सा, साहित्यिक आलोचना हो या प्राशासनिक कार्य।
सन् 1956 के सातवें अधिवेशन में J.S.Mill ने स्वयं उठाये गए इस प्रश्न Who needs Linguistics में कहा कि-
1 भाषाविज्ञान का अध्ययन द्वितीय भाषाशिक्षण और विदेशी भाषा शिक्षण में सहायक हो सकता है।
2 साहित्यकार एवं साहित्यिक आलोचकों के लिए भाषाविज्ञान की जानकारी उपयोगी हो सकती है।
3 वाक् चिकित्सा एवं मानसिक चिकित्सा में भी यह उपयोगी है।
सपीर का मानना है कि आज भाषाविज्ञान केवल भाषा के विवरण तक सीमित नहीं है। इसे भौतिक विज्ञान और शरीरविज्ञान से भी जोड़कर रखना होगा अर्थात भाषाविज्ञान का अध्ययन उन सभी क्षेत्रों के लिए आवश्यक है, जिसमें मानव कार्य-व्यापार करता है।
सामान्य तौर पर किसी विषय के अध्ययन में व्यक्ति के जानने की जिज्ञासा और उसमें उसकी रूचि से विषय का महत्व प्रस्तुत होती है। भाषा के प्रारंभिक अध्ययन का उद्देश्य यही था। कालांतर में वैश्विकरण के दौर में सूचना-तंत्रों के व्यापक प्रचार-प्रसार के फलस्वरूप इसका प्राथमिक महत्व रोजगारोन्मुख ही है। यह सार्वभौमिक सत्य है कि मनुष्य के जीने के लिए भाषा एक आधार स्तंभ का निर्माण करती है, परंतु जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए भाषाविज्ञान उस आधार की नींव मज़बूत करती है। एक आम आदमी भाषा के सामान्य प्रयोग को समझता है। उसके विशिष्ट प्रयोग के समझने की क्षमता भाषाविज्ञान के अध्ययन के उपरांत प्राप्त होती है।
अतः रोजमर्रा के जीवन में एक आम व्यक्ति के जीवन में भाषा के महत्व को देखकर समझा जा सकता है कि भाषाविज्ञान विषय के अध्ययन का व्यक्ति के आम जीवन में क्या महत्व है।
(भाषा विद्यापीठ में होने वाली सामूहिक परिचर्चा का सारांश)
(लेखक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के भाषा-प्रौद्योगिकी विभाग में एम. ए. के छात्र हैं।)


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